दिल के अरमानों का, खून किया है फिर एक बार । दिल के अरमानों का, खून किया है फिर एक बार ।
किसी बहाने से दिल की बात, बताता रहा तुमको...! किसी बहाने से दिल की बात, बताता रहा तुमको...!
माफी भी नहीं माँग सकता, क्यूँकी दिल भी शायद, यही चाहता था...! माफी भी नहीं माँग सकता, क्यूँकी दिल भी शायद, यही चाहता था...!
तुझसे कोई प्यार करे, या तुझसे कोई गुस्सा, मेरे दिल की धड़कन में, है न कोई तुझ-सा। तुझसे कोई प्यार करे, या तुझसे कोई गुस्सा, मेरे दिल की धड़कन में, है न कोई तुझ-सा...
आज इन्हीं सपनों को अपनी, आँखों से जाते देखा है...! आज इन्हीं सपनों को अपनी, आँखों से जाते देखा है...!
इश्क़ की दिल से, खूब यारी है, आँख इसमें, सदा से भारी है। इश्क़ की दिल से, खूब यारी है, आँख इसमें, सदा से भारी है।